रांची। झारखंड प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन (जेपस्वा) की एक महत्वपूर्ण बैठक रविवार को एच.एम. पब्लिक स्कूल, चुटिया में आयोजित की गई। बैठक में गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों को आ रही विभिन्न समस्याओं पर गंभीर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जेपस्वा के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने झारखंड सरकार से मांग की कि बिना मान्यता के संचालित हो रहे निजी स्कूलों को जल्द से जल्द मान्यता दी जाए।
अरविंद कुमार ने कहा कि झारखंड सरकार ने निजी स्कूलों की समस्याओं पर ध्यान दिया है, इसके लिए धन्यवाद। उन्होंने सुझाव दिया कि विद्यालय की भवन संरचना को ध्यान में रखते हुए जमीन की बाध्यता को समाप्त कर प्राथमिक या मध्य स्तर तक मान्यता दी जाए। उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड में यू-डाइस कोड प्राप्त लगभग 6000 निजी स्कूल हैं, जिनमें करीब 8.4 लाख छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि सरकार को विद्यालयों की मान्यता देने के लिए “रकबा” की शर्त से हटकर कक्षाओं की उपलब्धता पर विचार करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि पूरे देश में ऐसे हजारों स्कूल संचालित हो रहे हैं और इनसे सरकार हर साल छात्रों और शिक्षकों का पूरा विवरण मांगती है।
जेपस्वा के महासचिव मोजाहिददुल इस्लाम ने वार्षिक शुल्क और मासिक शुल्क की न्यूनतम वृद्धि को लेकर सरकार से व्यावहारिक नीति अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि छोटे निजी स्कूलों की तुलना बड़े स्कूलों से नहीं की जानी चाहिए क्योंकि ये स्कूल बहुत ही कम फीस में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे रहे हैं।
कोषाध्यक्ष आलोक बिपिन टोप्पो ने यू-डाइस कोड से वंचित स्कूलों को शीघ्र कोड उपलब्ध कराने की मांग की ताकि वे भी शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ सकें।
बैठक में निर्णय लिया गया कि अप्रैल या मई के प्रथम सप्ताह में एक प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री और विभागीय अधिकारियों से मुलाकात करेगा तथा अपनी मांगों को रखेगा। बैठक का संचालन कोषाध्यक्ष आलोक बिपिन टोप्पो ने किया और धन्यवाद ज्ञापन संगठन सचिव रणधीर कुमार कौशिके ने किया।
बैठक में अरविंद कुमार, मोजाहिददुल इस्लाम, कैलाश कुमार, मुकेश कुमार सिंह, बाबूराम महतो, विजय कुमार, सच्चिदानंद कुमार, मो. अरबाज़ मुर्शिद, अमीन अंसारी सहित रांची जिले के विभिन्न प्रखंडों के विद्यालय संचालक और प्राचार्य उपस्थित रहे।
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